विवाह गीत संकलन :- श्वेता वर्मा 'निनी'
महादेवी
*बसहा बरदिया पर जोगिया एक झोला लेने
*बसहा बरदिया पर जोगिया एक झोला लेने
माँगे छै दुय मुट्ठी भांग,.. गे बहिना
केहेन छै हुनको ज्ञान।.............२
* अंगने - अंगने भीख माँगे छथि
लाठी सहारा से सेहो चलय छथि ......२
आत्मा जुराबय लय ,जिनगी बचाबय लय
माँगे छथि दुय मुट्ठी भांग,....गे बहिना
लाठी सहारा से सेहो चलय छथि ......२
आत्मा जुराबय लय ,जिनगी बचाबय लय
माँगे छथि दुय मुट्ठी भांग,....गे बहिना
केहेन छै हुनको ज्ञान।
* माथे जटा सँ गंगा बहे छै
गला में सर्प लहलह करय छै
सुन्नर सुरतिया में , मोहिनी मुरतिया में ,
चमकै छै दुतिया के चान ,.....गे बहिना
केहेन छे हुनको ज्ञान।
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* माथे जटा सँ गंगा बहे छै
गला में सर्प लहलह करय छै
सुन्नर सुरतिया में , मोहिनी मुरतिया में ,
चमकै छै दुतिया के चान ,.....गे बहिना
केहेन छे हुनको ज्ञान।
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रुक्मिणी - स्वयंवर
* कथी लय रुक्मिणी माघ नहाओल ,
कथी लय कार्तिक मास यौ ?
कथी लय रुक्मिणी कठिन व्रत ठानल ,
असुरा सँ होयत विवाह यौ ?
घर लय रुक्मिणी माघ नहाओल ,
घर लय कार्तिक मास यौ ,
वर लय रुक्मिणी कठिन व्रत ठानल ,
असुर सँ होयत विवाह यौ ?
* एतबा वचन जब सुनलनि रुक्मिणी ,
ठाढ़ खसल मुरुझाय यौ ,
केयो सखी उठवय केयो सखी बैठवय ,
केयो सखी पूछे निज बात यौ l
किये तोरा आहे सखी मनमा घुमाओल
की तोरा भेल निज बात यौ ?
* नहीं मोरा आहे सखी मनमा घुमाओल ,
नहीं मोरा भेल निज बात यौ ,
बाबूजी के जांघ धय हमहू जनम लेल ,
असुरा सँ होयत विवाह यौ ?
* कानि - कानि रुक्मिणी चिठिया लिखाओल
सेहो चिठी भेजल कृष्ण हाथ यौ ,
चिठिया जे पढ़े कृष्ण मन मुसकावे ,
किये रुक्मिणी गेली हदियाय यौ ,
भेल विवाह कृष्ण चालू कोहबर ,
शिशुपाल घुरि घर जाय यौ l
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सामा गीत
1.
गे माई श्री रे जनकपुर सँ आबि गेलय भँवरा,
लागि गेलय पनमा बजार।
गे माई सेहो पान कीनय गेला भैया से आलोक भैया,
रंगी गेल बत्तीसो दाँत ।
गे माई श्री रे जनकपुर सँ आबि गेलय भँवरा,
लागि गेलय सामा बजार।
गे माई सेहो सामा कीनय गेली बहिनो से निनी बहिनो,
खेलू बहिनो चारू पहर राति।
2.
आरतक पात सँ बाहर भेलि सामा हे।
3.
आरे भँवरा सामा जाय छै सासुर
किछु गहना दही रे भँवरा।
साम चके साम चके आबिहे हे
आबिह हे।
सब रँग पटिया ओछाबिहऽ हे।
ओछाबिहऽ हे।
क्रमशः ..............
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